Sunday, March 13, 2011

पैसे की कीमत

कंजूस पिता जब मरने की तैयारी में था
बेटा भी कम नहीं ले जाने की फ़िराक में था
मंगवा दिया दो गुना बड़ा कफ़न
और हुआ मन ही मन प्रसन्न
कहा" मेरे पिता ने जीवन में बड़ा कष्ट पाया
...न अच्छा पहना न अच्छा खाया
इसीलिए मैंने दो गुना बड़ा कफ़न मंगवाया
अच्छी तरह से पिताजी को ढककर ले जाऊंगा
अपनी दरियादिली दुनिया को दिखलाऊंगा |"
सुना पिता ने तो खड़े हो गये कान
बोला "बेटा मत कर फ़िज़ूल खर्ची का काम
इस कफ़न के आधे से तू मेरी लाश ढकना
और आधा कफ़न मेरे बेटे संभाल कर रखना
याद रखना तेरा ये कफ़न बेकार नहीं जायेगा
आधा मेरी लाश पर आधा तेरे काम आएगा |"



-स्वाति "सरू " जैसलमेरिया

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