संभव है ये की कब बदले तक़दीर हमारी
और कब बन जाये हम प्रतिभा पटेल के उतराधिकारी
वो भी तो औरत है हम भी एक औरत
...फिर शंका किस बात की
अगर बात है ज्ञान की
और अछे विद्वान की
वह तो कुर्सी मिलते ही मिल जाता है
मुर्ख भी पद मिलते ही महान बन जाता है
लालू राबड़ी का ये उदाहरण क्या हम ले नहीं सकते
वो तो फिर भी अनपढ़ है हम तो पढ़े-लिखे कहलाते है
मन में हो दृढ संकल्प तो हम भी कुछ कर सकते है
मन का ये संकल्प हमारा
जीवन में कुछ कर जायेंगे
राज्यपाल न सही मोहल्ले के नेता तो बन ही जायंगे
नेता चाहे देश का
हो चाहे मोहल्ले का नेता तो नेता है
और दोस्तों इस बार आपको मुझे ही चुनना है!!!!
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