अनजाने से प्रेम को न समझ में पाता था
अजीब सी वो कशिश थी धड़कन ने जोर मारा था
धीरे धीरे प्रेम मेरा मुलाकात में बदल गया
उफ़ ये कमाल हो गया अनजाने में हमे प्यार हो गया
वो नजर का मिलना ,दिल की धड़कन का बढ़ना
वो उनका शर्माना शरमा के यूँ मुस्कुराना
समय का थम सा जाना उन्हें निहारते रहना
योवन का वो खिला खिला उन पर हुस्ने वार हो गया
उफ़ ये कमाल हो गया अनजाने में हमे प्यार हो गया
जब भी मिलते उनसे,क्यों धड़कन बढ़ जाती थी
दिल की बाते क्यों हमारे होंठो पे न आती थी
छूकर उनके हाथो को क्यों मन सिहर सा जाता था
क्या होता है ये प्यार ,बस दिल ये ही कहता था
कुछ समझ पाए उससे पहले दिल हमारा उस पार हो गया
उफ़ ये कमाल हो गया अनजाने में हमे ये कैसा प्यार हो गया
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