Sunday, March 13, 2011

"मत देना किसी को ज्ञान"

किसी को मत समझाना
वर्ना उलटे ही मुहं की खाना
कुछ सुनिए हमारे मुहं से किस्से
किस तरह से लोग अपने ही जाल में फंसे
१) डॉक्टर ने लंगड़े पर तरस खाया
...उसके वार्ड में सुन्दर नर्स को भिजवाया
नर्स से कहा-तिरछी नजर फेंकना
इस तरह से घुमा घुमा कर एक्सरसाइज़ करवाना
तिरछी नजरो से हुआ इतना जल्दी सुधार
दस मंजिल से कूद लंगड़ा हुआ फरार
नर्स को चकमा देकर
डॉक्टर का पर्स लेकर
२)खूसट सास ने घर से गेस हटाया
बहु को स्टोव की तकनीक पर समझाया
अगर दहेज़ नहीं मिलेगा
तो घर में स्टोव जलेगा
बहु भी कमाल की ली सास की सीख़
सास के शीश पर रख दी वह तकनीक
युक्ति क्या खूब चल गई
वो खूसट सास जल गई
३) कहा गुरु ने शिष्य को दिया शिक्षा पर ज्ञान
कुछ जीवन में करना है तो दो विद्या पर ध्यान
ध्यान से ज्ञान बढेगा
आगे का रास्ता मिलेगा
किया शिष्य ने ज्ञान का एसा काम तमाम
गुरु की सुन्दर लड़की जिसका विद्या था नाम
उसी पर ध्यान लगाकर
ले गया उसे भगाकर
वाह रे दुनिया तुझे सलाम
किसको समझाए यहाँ सभी धुरंधर महान
पढ़कर लेना सीख़ "सरू " की
मत देना किसी को ज्ञान
स्वाति(सरू) जैसलमेरिया

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