एक गरीब का बच्चा भूख से तड़फ रहा था
कभी इधर कभी उधर लोगो के घरो
में झांक रहा था सुना रहा था
एक भूखा चेहरा अपने पेट की पीड़ा
तब ही उसे दिखाई दिया
...एक अख़बार का टुकड़ा
वह उसे खाने लगा
वह जेसे ही खाने को बढ़ा
तो पास में एक लड़के को देखा
पढ़ लिखा लड़का किसी से बतिया रहा था
अब सरकार जगह-जगह
वर्क्षा-रोपण कर रही है
ये सुन वो बच्चा मुस्कुरा रहा था
दोड़ा दोड़ा वो गया अपनी माँ के पास
बोला -माँ अब मत हो उदास
अब सरकार जगह जगह
वृक्ष लगा रही है
अपने खाने का इंतजाम कर रही है
अब हमे अख़बार खाने की जरुरत नहीं हे
अपनी भूख मिटाने के लिए सरकार
पेड़ो की व्यवस्था कर रही है
उन पत्तो से पेट भर लेंगे
जो सरकार अपनी योजना
में लगा रही है
देश में गरीबी का ये हाल
किसी से छुपा नहीं है
खाने को अन्न नहीं
फिर भी सरकार
करोडो रुप्प्या दुसरे देशो की
मेहमानबाजी में लगा रही है ........
~स्वाति {सरू}जैसलमेरिया
"बोला -माँ अब मत हो उदास
ReplyDeleteअब सरकार जगह जगह
वृक्ष लगा रही है
अपने खाने का इंतजाम कर रही है
अब हमे अख़बार खाने की जरुरत नहीं हे
अपनी भूख मिटाने के लिए सरकार
पेड़ो की व्यवस्था कर रही है"
मार्मिक - बहुत सुंदर - हार्दिक शुभकामनाएं