Sunday, March 13, 2011

गरीबी



एक गरीब का बच्चा भूख से तड़फ रहा था
कभी इधर कभी उधर लोगो के घरो
में झांक रहा था सुना रहा था
एक भूखा चेहरा अपने पेट की पीड़ा
तब ही उसे दिखाई दिया
...एक अख़बार का टुकड़ा
वह उसे खाने लगा
वह जेसे ही खाने को बढ़ा
तो पास में एक लड़के को देखा
पढ़ लिखा लड़का किसी से बतिया रहा था
अब सरकार जगह-जगह
वर्क्षा-रोपण कर रही है
ये सुन वो बच्चा मुस्कुरा रहा था
दोड़ा दोड़ा वो गया अपनी माँ के पास
बोला -माँ अब मत हो उदास
अब सरकार जगह जगह
वृक्ष लगा रही है
अपने खाने का इंतजाम कर रही है
अब हमे अख़बार खाने की जरुरत नहीं हे
अपनी भूख मिटाने के लिए सरकार
पेड़ो की व्यवस्था कर रही है
उन पत्तो से पेट भर लेंगे
जो सरकार अपनी योजना
में लगा रही है
देश में गरीबी का ये हाल
किसी से छुपा नहीं है
खाने को अन्न नहीं
फिर भी सरकार
करोडो रुप्प्या दुसरे देशो की
मेहमानबाजी में लगा रही है ........
~स्वाति {सरू}जैसलमेरिया

1 comment:

  1. "बोला -माँ अब मत हो उदास
    अब सरकार जगह जगह
    वृक्ष लगा रही है
    अपने खाने का इंतजाम कर रही है
    अब हमे अख़बार खाने की जरुरत नहीं हे
    अपनी भूख मिटाने के लिए सरकार
    पेड़ो की व्यवस्था कर रही है"

    मार्मिक - बहुत सुंदर - हार्दिक शुभकामनाएं

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