Sunday, March 13, 2011

आमंत्रण का जवाब part-2

या खुदा ए दोस्त ये केसा प्रेम बरसाया है
मेरे घर भी एक नन्हा बालक आया है
उसके भी मुंडन का विचार मन में आया है
तिथि एकादशी का दिन मेने भी ठहराया है
अपने आमंत्रण में तेरे घर का पता लिख दूंगा
बीवी बच्चे सभी बीमार है मेहमानों से कह दूंगा
बस तू मेरे मेहमानों से मुहं मत फुलाना
मुस्कराते रहना हाथ जोड़कर अच्छे से स्वागत करना
मंहगाई है बहुत आमंत्रण सबको नहीं भिजवाऊंगा
अपने अजीज प्रेमी व रिश्तेदारों को बुलाऊंगा
कम खाने के बहुत फायदे है ये ज्ञान दूंगा में सभी को
बाकि तो राम ही राखे रोक तो नहीं सकते किसी को
जो बचेगा पीछे से खाना मिलबांट कर के ले लेंगे
अपने बीवी बचो के सामने बहुत तेरी तारीफ करेंगे
तेरा दोस्त "श्याम"

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