हर पल की खबर थी हमको, क्या अजीब कशिश था
था महकता योवन उनका ,थी खुशबू उस रूप में
डर था कही बहक न जाये, उम्र के इस दौर में
पर मन में प्रेम इतना था उनपर बेमिसार हो गया
उफ़ ये कमाल हो गया ये केसा प्यार हो गया
कई मशक्कत के बाद, हमारी मुलाक़ात होती थी
बहुत कुछ चाहते थे कहना, पर जुबां क्यों बंद हो जाती थी
हर बार बस उन्हें निहार- निहार कर,वक़्त सिमट सा जाता था
उनका रूठना और मनाना, बस इतना ही हो पाता था
आज कही जीवन का ये पल, उनपर खुमार हो गया
उफ ये कमाल हो गया.............
आज साँसे थमी हुई थी, पलके उनकी झुकी हुई थी
कह रहा दिल कहदु ,आज मन की सारी बातें
अब सिमट जाए हम तुम, एक रस्म में जेसे धागे
कह दिया दिल ने आज उसे, हमें तुमसे प्यार हो गया
उफ़. ये कमाल हो गया...........
उनकी धड़कन रुक गयी ,मानो बिजली गरज गयी
ये संभव हे नहीं ,बस इतना कह कर चली गयी
क्या बात हम न समझ सके, न उनके मन की जान सके
तूफ़ान हमारे दिल का बेकरार हो गया
उफ़. ये कमाल हो गया....................
क्या प्यार करना है गुनाह? क्या हमने कोई पाप किया?
किसी दिल को दिल से चाहा? क्या हमने कोई हलाल किया?
क्यों उनकी आँखे है नम? क्या कोई हमें कोई समझाएगा?
क्या फिर दुनिया रोकेगी? क्या ये प्यार सिमट कर रह जाएगा?
उठ गये तूफ़ान मन में क्यों दिल आफ़ताब हो गया
उफ़ ये क्या हो गया................
कुछ समझ पाए उससे, पहले तानाकाशी होने लगी
दो परिवारो में हमारे, प्यार की अब चर्चाये होने लगी
क्यों गलत समझ कर हमको आवारा बना दिया
हमारे प्यार के सुन्दरता को बेदाग़ करके रख दिया
उफ़ ये क्या हो गया..................
आज हमारे प्यार पर ,ये केसी रोक लग गयी
एक झलक पाने को आज आँखे तरस गयी
हमारे ही परिवारों ने हमारे प्यार को
कलंक बना कर रख दिया
ये पाक प्रेम हमारा आज बदनाम होकर रह गया
उफ़ ये क्या हो गया .......................
Continued...
Interesting Story Shared by You. Nice प्यार की कहानी Ever. Thank You.
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